• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फ़िल्म रिव्यू

अर्जुन ‘लिटल-लिटल’ पटियाला

CineYatra by CineYatra
2021/06/02
in फ़िल्म रिव्यू
0
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

इस फिल्म में पांच गाने हैं, हीरो-हीरोइन का रोमांस है, कॉमेडी है, पांच विलेन हैं (जो अंताक्षरी खेलने के लिए तो नहीं रखे गए हैं) यानी एक्शन भी है, इमोशन भी है, सोशल मैसेज भी है, और हां, सनी (पा जी नहीं) लियोनी भी है। अब एक हिन्दी फिल्म में आपको और क्या चाहिए?

फिल्म की शुरूआत में एक राइटर (अभिषेक बैनर्जी) एक प्रोड्यूसर (पंकज त्रिपाठी) को एक फिल्म की कहानी सुना रहा है। यह पूरी कहानी इन्हीं के ख्यालों में ही चल रही है। पंजाब के फिरोजपुर में नया आया थानेदार (दिलजीत दोसांझ) अपने बॉस (रोनित रॉय) के कहने पर जिले को क्राइम-फ्री करने के लिए बदमाशों को आपस में लड़वा कर खत्म करवा रहा है। इस काम में उसका मुंशी ओनिडा (वरुण शर्मा) भी उसके साथ है। न्यूज़-चैनल की रिर्पोटर रितु (कृति सैनन) के साथ उसका रोमांस भी चल रहा है। बस जी, इसी कहानी में ही वो सारे मसाले हैं, जिनका ज़िक्र ऊपर किया गया है।


इस साधारण-सी कहानी को कॉमिक-फ्लेवर में परोसा गया है। फ्लेवर भी कैसा, किसी कॉमिक्स या वीडियो- गेम जैसा। सही है, नयापन देने के लिए राइटरों, डायरेक्टरों को कुछ तो अलग करना ही होगा। लेकिन सिर्फ नएपन से ही चीज़ें धारदार बनती होती तो हर एक्सपेरिमैंट सुपरहिट हो चुका होता। दरअसल इस फिल्म की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे लिखने में रितेश शाह ने ज़्यादा दम नहीं लगाया। अगर वह ज़ोर लगा के हईशा कर देते तो यह फिल्म ठहाके लगवा सकती थी। फिलहाल तो इसे देखते हुए आप सिर्फ मुस्कुराते भर हैं जबकि कॉमेडी फिल्में मुस्कुराहटों के लिए नहीं, ठहाकों के लिए देखी और याद की जाती हैं। फिल्म के गाने अलबत्ता चटकीले हैं। और हां, फिल्मों में पंजाबी का मतलब हर समय दारू में डूबे हुए लोग नहीं होते।

बरसों पहले दो थकी हुई फिल्में दे कर पंजाबी फिल्मों का रुख कर चुके निर्देशक रोहित जुगराज ने अर्से बाद इस फिल्म से हिन्दी में वापसी की है। उनका निर्देशन पहले के मुकाबले सधा हुआ है लेकिन कमज़ोर कहानी और स्क्रिप्ट के चलते वह असर नहीं छोड़ पाता। दिलजीत दोसांझ इस तरह के किरदारों में जंचते हैं, जंचे हैं। कृति सैनन तो अपनी मौजूदगी से ही दिल लूट लेती हैं। वरुण शर्मा (चूचा) को और ज़्यादा मौके दिए जाने चाहिए थे। खुद लेखक रितेश शाह दिलजीत के पिता के रोल में अच्छे लगे हैं। काम तो बाकी सबका भी बढ़िया है चाहे वह रोनित रॉय हों, सीमा पाहवा या फिर मौहम्मद ज़ीशान अय्यूब, जिनके किरदार को और खौफनाक बनाया जा सकता था। फिल्म के अंत में कहानी सुनते-सुनते वह प्रोड्यूसर और सुनाते-सुनाते वह लेखक सो चुके हैं। काम वाली बाई आकर पूछती है-क्या लगता है, चलेगी फिल्म? प्रोड्यूसर का चमचा जवाब देता है-तू झाड़ू लगा, ज़्यादा क्रिटिक मत बन। तो, जब फिल्म बनाने वालों की सोच का यह स्तर हो, तो समझ लीजिए कि उन्होंने भी फिल्म नहीं बनाई है, झाड़ू ही लगाया है-निर्माता के पैसों पर।

Tags: लिटल-लिटल
ADVERTISEMENT
Previous Post

हाशिये पर बैठे लोगों की आवाज़ है ‘चम्म’

Next Post

हटेली फिल्म है ‘जजमैंटल है क्या’

Related Posts

रिव्यू-चमकती पैकिंग में मनोरंजन का ‘भूल भुलैया’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-चमकती पैकिंग में मनोरंजन का ‘भूल भुलैया’

वेब-रिव्यू : यह जो है ज़िंदगी की रंगीन ‘पंचायत’
फ़िल्म रिव्यू

वेब-रिव्यू : यह जो है ज़िंदगी की रंगीन ‘पंचायत’

रिव्यू-‘जयेशभाई जोरदार’ बोरदार शोरदार
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-‘जयेशभाई जोरदार’ बोरदार शोरदार

रिव्यू-अच्छे से बनी-बुनी है ‘जर्सी’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-अच्छे से बनी-बुनी है ‘जर्सी’

रिव्यू-बड़ी ही ‘दबंग’ फिल्म है ‘के.जी.एफ.-चैप्टर 2’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-बड़ी ही ‘दबंग’ फिल्म है ‘के.जी.एफ.-चैप्टर 2’

वेब रिव्यू-क्राइम, इन्वेस्टिगेशन और तंत्र-मंत्र के बीच भटकती ‘अभय’
फ़िल्म रिव्यू

वेब रिव्यू-क्राइम, इन्वेस्टिगेशन और तंत्र-मंत्र के बीच भटकती ‘अभय’

Next Post

हटेली फिल्म है ‘जजमैंटल है क्या’

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – [email protected]

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.

No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.