कोई वक्त था जब हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मकार राजीव राय के नाम का डंका बजा करता था। ‘युद्ध’, ‘त्रिदेव’, ‘विश्वात्मा’, ‘मोहरा’ और ‘गुप्त’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्देशक रहे राजीव राय का नाम कामयाबी का पयार्य माना जाता था। अब वही राजीव राय हिन्दी फिल्मों में अपनी धमाकेदार वापसी एक बिल्कुल ही नए अंदाज़ में करने जा रहे हैं।
उस ज़माने में राजीव राय की फिल्मों का अपना एक अलग फॉर्मूला होता था। चटपटे डायलॉग, कई सारे चमकते हीरो-हीरोईन, ज़बर्दस्त एक्शन, शानदार फोटोग्राफी, साउंड इफेक्ट्स, बड़े-बड़े तड़कीले-भड़कीले सेट्स, हेलिकॉप्टर शॉट्स और हिट गाने यानी आम दर्शकों के लिए मनोरंजन का भरपूर मसाला। यही वजह थी कि जब भी उनकी कोई फिल्म रिलीज़ होती थी तो दर्शक उसे देखने के लिए टूट पड़ते थे। लेकिन फिर परिस्थितियों और कुछ व्यक्तिगत कारणों से राजीव ने एकाएक फिल्में बनाना बंद कर दिया और विदेश में जा कर बस गए। मगर फिर देश के प्रति प्रेम, अपनी बेमिसाल क्रिएटिविटी और हिंदी फिल्मों के प्रति जुनून ने उन्हें भारत लौटने पर मजबूर कर दिया और अब वह अपनी नई फिल्म ‘ज़ोरा’ के साथ एक बार फिर निर्माता-निर्देशक के रूप में बॉलीवुड में वापसी कर रहे हैं।
‘ज़ोरा’ एक तेज़ रफ्तार मर्डर थ्रिलर है और जिसे राजीव इस साल के अंत तक प्रदर्शित करने का इरादा रखते हैं। राजीव बताते हैं-‘यह फिल्म मेरी पिछली फिल्मों से इस मायने में अलग है कि इस बार मेरी फिल्म में कोई भी बड़ा स्टार नहीं है। इसमें चालीस नये चेहरे हैं जिनका चुनाव मैंने उत्तर भारत से किया है। और सिर्फ एक गाना है जिसका संगीत विजु शाह ने दिया है। इस फिल्म को मैंने बहुत कम बजट में बनाया है। एक निर्माता-निर्देशक के रूप में एक तरह से मैंने अपने-आपको चुनौती दी है कि मामूली बजट होने के बावजूद मैं एक बेहद दिलचस्प फिल्म बनाऊं जो मेरी अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म साबित हो।’
-सिनेयात्रा